The institute celebrated its 40th Foundation Day to recognize the milestones achieved so far in the field of Teaching, Training and Research and also to acknowledge the significant contribution of staff in building this organization.
Foundation day celebrations began in the morning with distribution of nutritional packs and get well cards to the admitted patients with Voluntary Blood Donation camp organised by the Department of Transfusion Medicine. Some of the SGPGI staff members are regular blood donors. Each donor was given a certificate and plaque to honour this selfless act.
Geranium, Tulsi, Ashwaganda, Sarpgandha, Palmaro, Satavar, Peepli, Stevia and Brahmi all medicinal plants were planted in Amrit Vatika in SGPGI campus to further add to the beautiful green ambience. The Director, CMS, MS, Dean and JDA were present along with officials of the Horticulture and Engineering department.
In the evening, Foundation day program began with the customary lamp lighting.
Director, Professor R K Dhiman, presented the annual report of the institute.
Dr Shaleen Kumar, Dean gave a brief introduction of the Foundation Day Orator, Dr. Raman Kataria, Founder member of Jan Swasthya Sahyog (Public Health Support Group).
Dr. Kataria shared real life experiences of the pathetic health infrastructure that existed in ganiyari village of Chhatisgarh with under weight and under nourished tribal and malnourished children.
He elaborated on chronic disease care program which had screening, diagnosis, treatment and follow up of women and children in mobile clinics and through patients health support groups.
The Public Health Group has worked extensively and intensively for the management of cancers, malnutrition, prenatal care, tuberculosis, diabetes and Hypertension with the aim to make the health care cheaper and accessible to the downtrodden.
His oration was truly inspiring for the audience who were present on the occasion.
Hon'ble Shri Mayankeshwar Sharan Singh, State Minister, Medical Education congratulated the staff on Foundation Day and said that with the hard work of SGPGI family, the institute will grow by leaps and bounds.
This was followed by the distribution of awards to the best researchers for their exemplary research work and to the best students by the Hon'ble Deputy CM Shri Brijesh Pathakji.
Addressing the august gathering, Hon'ble Brijesh Pathak ji said that malnutrition is a curse for any country and inspiration should be drawn from Dr. Raman Raman Kataria's tireless efforts in this direction to eradicate it. Sgpgi should offer best treatment and best education to be one of the best institute across the country.
The program ended with vote of thanks proposed by Dean, Professor Shaleen Kumar.
The institute celebrated its 40th Foundation Day to recognize the milestones achieved so far in the field of Teaching, Training and Research and also to acknowledge the significant contribution of staff in building this organization.
Foundation day celebrations began in the morning with distribution of nutritional packs and get well cards to the admitted patients with Voluntary Blood Donation camp organised by the Department of Transfusion Medicine. Some of the SGPGI staff members are regular blood donors. Each donor was given a certificate and plaque to honour this selfless act.
Geranium, Tulsi, Ashwaganda, Sarpgandha, Palmaro, Satavar, Peepli, Stevia and Brahmi all medicinal plants were planted in Amrit Vatika in SGPGI campus to further add to the beautiful green ambience. The Director, CMS, MS, Dean and JDA were present along with officials of the Horticulture and Engineering department.
In the evening, Foundation day program began with the customary lamp lighting.
Director, Professor R K Dhiman, presented the annual report of the institute.
Dr Shaleen Kumar, Dean gave a brief introduction of the Foundation Day Orator, Dr. Raman Kataria, Founder member of Jan Swasthya Sahyog (Public Health Support Group).
Dr. Kataria shared real life experiences of the pathetic health infrastructure that existed in ganiyari village of Chhatisgarh with under weight and under nourished tribal and malnourished children.
He elaborated on chronic disease care program which had screening, diagnosis, treatment and follow up of women and children in mobile clinics and through patients health support groups.
The Public Health Group has worked extensively and intensively for the management of cancers, malnutrition, prenatal care, tuberculosis, diabetes and Hypertension with the aim to make the health care cheaper and accessible to the downtrodden.
His oration was truly inspiring for the audience who were present on the occasion.
Hon'ble Shri Mayankeshwar Sharan Singh, State Minister, Medical Education congratulated the staff on Foundation Day and said that with the hard work of SGPGI family, the institute will grow by leaps and bounds.
This was followed by the distribution of awards to the best researchers for their exemplary research work and to the best students by the Hon'ble Deputy CM Shri Brijesh Pathakji.
Addressing the august gathering, Hon'ble Brijesh Pathak ji said that malnutrition is a curse for any country and inspiration should be drawn from Dr. Raman Raman Kataria's tireless efforts in this direction to eradicate it. Sgpgi should offer best treatment and best education to be one of the best institute across the country.
The program ended with vote of thanks proposed by Dean, Professor Shaleen Kumar.
किसी भी संस्थान के लिए स्थापना दिवस एक ऐसा दिन होता है, जब संस्थान अपनी उपलब्धियों को याद करता है और इस विकास यात्रा को सतत जारी रखने की प्रतिज्ञा दोहराता है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान ने भी 14 दिसम्बर को अपना 39वां स्थापना दिवस पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया।
उत्तर प्रदेश की माननीय राज्यपाल व संस्थान की कुलाध्यक्ष श्रीमती आनंदी बेन पटेल इस समारोह की मुख्य अतिथि थीं । इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन ने उपस्थित सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया और संस्थान की विगत एक वर्ष की प्रगति का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। संस्थान की संकाय अध्यक्ष ( Dean) प्रोफेसर शुभा फड़के ने स्थापना दिवस समारोह के व्याख्याता प्रोफेसर मनोज कुमार मित्रा का औपचारिक परिचय दिया।
प्रोफेसर एम के मित्रा, प्रख्यात चिकित्सक और किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय लखनऊ के मेडिसिन विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष है। प्रोफेसर मित्रा 50 से अधिक वर्षों (1970 से आज तक) से शिक्षण प्रशिक्षण कार्य से जुड़े रहे हैं।
डॉक्टर मित्रा का संबोधन प्रेरणास्पद एवं अभिभूत कर देने वाला था।
इस अवसर पर संस्थान के शोधकर्ताओं व विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि चिकित्सको का रोगियों के प्रति व्यवहार पूरी ईमानदारी, सहानुभूति एवं गरिमा से परिपूर्ण होना चाहिए क्योंकि रोगियों की दुआओं और आशीर्वाद से बड़ी कोई उपलब्धि नहीं है।
उन्होंने संस्थान में हुए शोध कार्य की सराहना की और कहा कि हमारा शोध हमारी क्षेत्रीय और राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राथमिकताओं की ओर इंगित होना चाहिए और शोध ऐसा हो जो सरकार की नीति में परिवर्तन ला सकें और जनसामान्य का वृहत्तर हित कर सके। भारतीय जनसंख्या में होने वाली आयोडीन की कमी को दूर करने के लिए शोध के द्वारा ही आयोडीन युक्त नमक को एक नीति के रूप में स्वीकार किया गया।
शिक्षकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि हमें अपने शिक्षण को नवाचार से युक्त करना चाहिए। हमें क्लिनिकल मेडिसिन की कला को सीखना चाहिए। मरीजों के साथ 15 मिनट की बातचीत करके उसके लक्षणों के आधार पर तार्किक विश्लेषण के द्वारा हम बहुत हद तक रोग की पहचान कर सकते है। इसके लिए बहुत सारी और महंगी जांचो की आवश्यकता नहीं पड़नी चाहिए।
उन्होंने एक संस्थान के निदेशक के लिए आवश्यक गुणों को भी बताया और कहा कि निदेशक अपने टीम का नेतृत्व करता है और बहुत आवश्यक है कि वह रोगी सेवा, शोध, शिक्षण प्रशिक्षण सभी क्षेत्रों में अनुशासन व सौहार्द पूर्ण वातावरण प्रदान करे और इसके लिए उन्होंने संस्थान के निदेशक प्रोफ़ेसर आर के धीमन की प्रशंसा की। आज इस अवसर पर संस्थान परिवार के अनेक सदस्यों को विभिन्न श्रेणियों में चिकित्सक (DM, MCh, MD ), स्टाफ नर्स व तकनीशियन को उनके योगदान के लिए माननीय राज्यपाल महोदया द्वारा सम्मानित किया गया। संसार में सर्वोत्कृष्ट शोध कार्यों के लिए पुरस्कार भी दिए गए।
इस अवसर पर बोलते हुए माननीय राज्यपाल महोदया ने अत्यंत प्रेरणास्पद अभिभाषण के लिए डॉक्टर एम के मित्रा की सराहना की। उनहोने कहा कि समाज की आवश्यकता के अनुसार ही शोध की दिशा तय होनी चाहिए उन्होंने कहा की सेवाओं हेतु भर्तियो में पारदर्शिता होनी चाहिए, तभी गुणी और प्रशिक्षित शिक्षक, नर्सिंग स्टाफ सेवाओं में आएंगे। तदनुसार ही संस्थानो की सेवाओं में सुधार होगा। उन्होंने शोधार्थियों से आग्रह किया कि जितने भी शोध हो, उन में नवाचार को लिपिबद्ध करें, उसकी पुस्तक प्रकाशित करें और दूसरों के साथ उसे साझा करें।
उत्तर प्रदेश सरकार के संसदीय कार्य राज्य मंत्री, चिकित्सा शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, मातृ एवं बाल कल्याण, श्री मयंकेश्वर शरण सिंह समारोह के विशिष्ट अतिथि थे। उन्होंने संस्थान के 39 वें स्थापना दिवस समारोह की सभी को बधाई दी और पुरस्कृत विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया।
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन श्री आलोक कुमार ने भी उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हमें पैरामेडिकल स्टाफ को संख्या में और गुणवत्ता में दोनों में ही बढ़ाने की आवश्यकता है उन्होंने कहा शोध को सामाजिक सरोकार से संबंधित होना चाहिए।
संस्थान की डीन प्रोफेसर शुभा फड़के द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
संस्थान के स्थापना दिवस समारोह के अनेक कार्यक्रम प्रातः से ही प्रारंभ हो गए थे। अस्पताल में भर्ती रोगियों को फल और शुभकामना कार्ड वितरित किये गए।
इस अवसर पर संस्थान के ब्लड बैंक द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया।
साथ ही वृक्षारोपण कार्यक्रम भी संपन्न हुआ, जिसमें इमेरजेन्सी मेडिसिन एवं गुर्दा प्रत्यारोपण केंद्र के आसपास लगभग तीस foxtail वृक्ष लगाए गए।
किसी भी संस्थान के लिए स्थापना दिवस एक ऐसा दिन होता है, जब संस्थान अपनी उपलब्धियों को याद करता है और इस विकास यात्रा को सतत जारी रखने की प्रतिज्ञा दोहराता है। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान ने भी अपना 38वा स्थापना दिवस आज पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव व संस्थान के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र कुमार तिवारी इस समारोह के मुख्य अतिथि थे । इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर आर के धीमन ने उपस्थित सम्मानित अतिथियों का स्वागत किया और संस्थान की विगत एक वर्ष की प्रगति का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। संस्थान के डीन प्रोफेसर अनीश श्रीवास्तव ने समारोह के व्याख्याता पद्मश्री प्रोफेसर रवि कान्नन का औपचारिक परिचय दिया। डाक्टर कान्नन ने असम के सुदूर क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में disease prevention के लिए किए गए अपने प्रयासों विशेषतया कैंसर रोगियों की स्क्रीनिंग और निदान के लिए आशा कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण को विस्तार से समझाया।
इस अवसर पर बोलते हुए डाक्टर कान्नन ने कहा कि स्वास्थ्य हमारी राष्ट्रीय संपत्ति है और यह हमारा मौलिक अधिकार भी होना चाहिए। यह हमारा राष्ट्रीय दायित्व है कि अपने सभी नागरिकों के स्वास्थ्य का संवर्धन किया जाए। उन क्षेत्रों में जहां यातायात के साधन नहीं है, बीमार व्यक्ति को अनेक कष्टों का सामना करना पड़ता है। ऐसे क्षेत्रों में संरचनात्मक कार्यक्रम व जनमानस में विश्वास निर्माण के लिए अनेक मापदंड अपनाए जाने चाहिए ।
आज इस अवसर पर संस्थान परिवार के अनेक सदस्यों को विभिन्न श्रेणियों में चिकित्सक (DM, MCh, MD ), स्टाफ नर्स व तकनीशियन को उनके योगदान के लिए उत्तर प्रदेश शासन के मुख्य सचिव व संस्थान के अध्यक्ष श्री राजेंद्र कुमार तिवारी द्वारा सम्मानित किया गया।
संस्थान में सर्वोत्कृष्ट शोध कार्यों के लिए 22 पुरस्कार भी दिए गए।
इस अवसर पर अंग दान दिवस पर "अंग और ऊतक दान पर जागरूकता अभियान" के अंतर्गत SOTTO द्वारा आयोजित पोस्टर प्रतियोगिता के विजेता बच्चों को भी सम्मानित किया गया।
इस अवसर मुख्य सचिव श्री राजेंद्र कुमार तिवारी ने संस्थान के सभी सदस्यों को स्थापना दिवस समारोह की बधाई दी। उन्होंने कहा 38 वर्ष के युवा संस्थान में विकास की अपार संभावनाएं हैं और हमें निरंतर उन्नति के शिखर को छूना है। उन्होंने सभी पुरस्कार विजेताओं को शुभकामनाएं दी और कहा कि यह संख्या प्रति वर्ष बढनी चाहिए ।
उन्होंने डॉक्टर कान्नन के आउटरीच कम्युनिटी प्रोग्राम की भूरी भूरी प्रशंसा की और कहा कि ऐसे ही कार्यक्रम हमें भी समुदाय और ब्लॉक स्तर पर क्रियान्वित करने चाहिए, जिससे बड़े संस्थानों पर बढ़ते भार को कम किया जा सके।
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा उत्तर प्रदेश शासन श्री आलोक कुमार ने भी उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित किया। उन्होंने भारत के संदर्भ में न्यूनतम लागत के साथ उत्कृष्ट चिकित्सा को अपनाने पर बल दिया।
कोविड प्रतिबंधों के कारण सीमित संख्या में अतिथियों को आमंत्रित किया गया था। संस्थान के अन्य सभी संकाय, रेजिडेंट और स्टाफ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा इस समारोह में शामिल हुए। संस्थान के डीन प्रोफेसर अनीश श्रीवास्तव द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
संस्थान के स्थापना दिवस समारोह के अनेक कार्यक्रम प्रातः से ही प्रारंभ हो गए थे। अस्पताल में भर्ती रोगियों को फल और शुभकामना कार्ड वितरित किये गए। इस अवसर पर संस्थान के ब्लड बैंक द्वारा स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया, जिसमें अनेक लोगों ने रक्तदान किया। संस्थान में नियमित रक्तदान करने वाले स्टाफ श्री डी के सिंह,धर्मेश कुमार, सतीश चन्द्रा इस रक्तदान शिविर में शामिल हुए। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर गौरव अग्रवाल ने भी रक्तदान किया।
साथ ही वृक्षारोपण कार्यक्रम भी संपन्न हुआ, जिसमें नवीन पार्किंग क्षेत्र में मौलश्री, प्लूमेरिया, नीम और कांजी के लगभग 50 पौधे लगाए गए। साथ ही गेस्ट हाउस परिसर में भी बोगनवीलिया और चितवन के लगभग 30 पौधे रोपित किए गए।
Sanjay Gandhi Post Graduate Institute celebrates its Foundation day on 14th December every year.On this day in 1980, Shri Neelam Sanjeeva Reddy, the then President of India, laid the foundation stone of this Institute. Over the years, SGPGI has constantly endeavoured to provide state of the art medical care to patients and quality medical education and training to the students as well as contribute to Research activities towards amelioration of diseases.
Foundation day is the day when the Institute celebrates its journey and achievements so far, acknowledging thecontributions of staff, doctors, researchers, mentors and patients and renews its pledge to not rest on the laurels but keepstriving for advancement.
This year, keeping Covid restrictions in mind, only a limited number of audience were physically invited to the venue. The rest of the Faculty, residents and staff joined via Video Conference link.Honorable Chief Minister of Uttar Pradesh Yogi Adityanath ji was the chief guest. While addressing the gathering ,he also announced the exchange of memorandum of understanding for creating virtual ICU in 6 medical colleges of the state of Uttar Pradesh with Power Grid Corporation of India. He said that the telemedicine facility is the need of the hour to combat this kind of pandemic. WHO has also acknowledged the health infrastructure of Uttar Pradesh in fighting the Covid 19 pandemic. He also gave away awards to the best Residents and Paramedical staff, as is customary each year, to acknowledge their contribution towards the Institute's progress.
The Director, Professor R K Dhiman welcomed the guests and presented a progress report of the Institute till date and vision for the future. Dean, SGPGI, Professor S K Mishra introduced the Foundation day Orator, Professor Balram Bhargava,DG ICMR and Health Secretary, government of India. Dr Bhargava talked about how India rose to the COVID challenge, creating indigenous test kits and carrying out more than 15 crore tests, and emphasized about the availability of vaccines in India to be rolled out shortly via the CO-WIN platform. He also reiterated that we will finally be able to win over this pandemic with masking, hand hygiene, social distancing and the advent of vaccine.
Minister for Medical Education, Parliamentary Affairs and Finance, Govt of UP, Honorable Shri Suresh Khanna Ji applauded the continuous progress of the Institute over the years and appreciated the efforts of the SGPGI family.
The Dean, Professor S K Mishra proposed the vote of thanks. The program ended with the National Anthem. The Institute was beautifully decorated to mark this occasion and every person associated with it, whether dignitaries, patients, alumni, doctors and staff, took pride in celebrating yet another milestone for this tertiary care apex research, training and teaching center. It is hoped that the Institute will reach newer heights in the coming years.